बुनता हूँ सपने, खुली आँखों के साथ...
ख्यालों की ऊन, और दिमाग - जैसे सलाई और हाथ!
रंगता हूँ चित्र, आसमान के कैनवास पर,
रंगों के छीटे, दृष्टि में भर-भर!
भीगा वो सपना, आँखें जो हुई नम,
सिकूडी वो ऊन और सलाई बेदम!
जल गया वो चित्र, कारण, सूरज का तेज,
राख हुआ कैनवास, और अँधा रंगरेज़!
ख्यालों की ऊन, और दिमाग - जैसे सलाई और हाथ!
रंगता हूँ चित्र, आसमान के कैनवास पर,
रंगों के छीटे, दृष्टि में भर-भर!
भीगा वो सपना, आँखें जो हुई नम,
सिकूडी वो ऊन और सलाई बेदम!
जल गया वो चित्र, कारण, सूरज का तेज,
राख हुआ कैनवास, और अँधा रंगरेज़!
6 comments:
good stuff! keep writing.. I love your posts! :) :)
bahut khoob rangrez
Superb!!
Yeh bahut cute hai :D Love it!!
Agli baar sunglasses pehen lena :P
Thank you all!! appreciation is always good to hear!! :)
@Anonymous - its been 2 posts, reveal yourself sir/ma'am!! :D
@Vidu - idhar blogpost pe comment karo, photo pe nahi! aur agar ye post ko cute bola hai, to let me know what you've had before writing this comment!!
@Kiddo - great achievement eh, finally being able to post comments!! bring em on!! :)
Aakhen Khuli ho ya band
kya fark padta hai
Sapne aur hakeekat sab ho jayenge ek
tum bas rang bharo isme rangrez..
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